विनोद शाही की कलाकृति |
हिन्दी का संसार
भाषाओं में श्रेष्ठ है, प्रचुर ज्ञान भंडार।
सरस, सहज, मोहक लगे, हिन्दी का संसार॥
हिन्दी तो है हिन्द के, गौरव की पहचान।
हिन्दी को हम स्नेह दें, ना मिटने दें शान॥
सुनने में मीठी लगे,बोलन में आसान।
जन को जन से जोड़ती, हिन्दी मातृ समान॥
चंद दिनों तक ही रही, खिलती हुई उजास।
शेष वर्ष हिन्दी रही, बैठी अलग उदास॥
सरकारें तो देश की, करती रहीं बखान।
हिन्दी बैठी ही रही, पाने को सम्मान॥
अंग्रेजी खिलती गयी, हिन्दी रही उदास।
संविधान ने दे दिया, हिन्दी को वनवास॥
दुनिया में है जिस तरह, भारत देश महान।
वैसे ही है हिन्द की, हिंदी भाषा शान।।
भाषाएँ तो बाँटतीं, समरसता औ' प्यार।
भाषाओं के नाम पर, झगड़े हैं बेकार।।
हिंदी से रोजी मिली, हिंदी से ही शान।
पर बाबूजी कर रहे, अंग्रेजी का गान।।
बातें ही बातें रहीं, सरकारों के पास।
हिंदी बरसों से यही, झेल रही संत्रास।।
हिंदी की इस देश में, हालत बड़ी विचित्र।
संतानें हैं हिन्द की, अंग्रेजी की मित्र।।
जिसका घर में ही हुआ, पग-पग पर अपमान।
उस हिंदी का हो रहा, दुनिया में सम्मान।।
मन में हम यदि ठान लें, करना है उत्थान।
हर दिन बढ़ता जाएगा, हिंदी का सम्मान।।
पखवारे मनते रहे, हुआ नहीं कल्यान।
बहुत हुआ अब दीजिए, हिन्दी को सम्मान॥
सुबोध श्रीवास्तव
'माडर्न विला', 10/518,
खलासी लाइन्स,कानपुर (उप्र)-208001.
मो.09305540745
ई-मेल: subodhsrivastava85@yahoo.in
सुबोध श्रीवास्तव
- जन्म: 4 सितम्बर, 1966 (कानपुर)
- मां: श्रीमती कमला श्रीवास्तव
- पिता: स्व.श्री प्रेम नारायण दीवान
- शिक्षा: परास्नातक
- व्यवसाय: पत्रकारिता (वर्ष 1986 से)। 'दैनिक भास्कर', 'स्वतंत्र भारत' (कानपुर/लखनऊ) आदि में विभिन्न पदों पर कार्य।
- विधाएं: नई कविता, गीत, गजल, दोहे, मुक्तक, कहानी, व्यंग्य, निबंध, रिपोर्ताज और बाल साहित्य। रचनाएं देश-विदेश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं,प्रमुख अंतरजाल पत्रिकाओं में प्रकाशित। दूरदर्शन/आकाशवाणी से प्रसारण भी।
- प्रकाशित कृतियां:
- 'सरहदें ' (काव्य संग्रह)
- 'पीढ़ी का दर्द' (काव्य संग्रह)
- 'ईष्र्या' (लघुकथा संग्रह)
- 'शेरनी मां' (बाल कथा संग्रह)
- विशेष: काव्यकृति 'पीढ़ी का दर्द' के लिए उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा पुरस्कृत।
- साहित्य/ पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा 'गणेश शंकर विद्यार्थी अतिविशिष्ट सम्मान'।
- कई अन्य संस्थाओं से भी सम्मानित।
- संपादन: 'सुबोध सृजन' ई-पत्रिका
- संप्रति: 'आज' (हिन्दी दैनिक), कानपुर में कार्यरत।
- संपर्क: 'माडर्न विला',10/518, खलासी लाइन्स, कानपुर (उ.प्र.)-208001, उत्तर प्रदेश (भारत)।
- फोन: 09305540745/ 9839364419
- फेसबुक:www.facebook.com/subodhsrivastava85
- ट्विटर:www.twitter.com/subodhsrivasta3
- ई-मेल: subodhsrivastava85@yahoo.in
मातृभाषा ममत्व माँ समरूप हैं सम्मान उत्थान प्रचार की अनुठी अभिव्यक्ति । हृदय से आभार सुबोध जी।
जवाब देंहटाएंछगनलाल गर्ग
आभार chhaganlal garg जी..
हटाएंbhut hi shaandar aur jaandar dohe hain - behtreen prastuti ke liye badhai swekarein...shaad aabad zindabad rahein...
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार अंसार भाई स्नेह के लिए..
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