काव्ययुग

कविता की ई-पत्रिका

बुधवार, 5 जुलाई 2017

दिविक रमेश की कविताएं

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हरिगोपाल सन्नू 'हर्ष' की कलाकृति आदमी जो बच गया आखिर बच्चा ही था वह (हालाँकि इतना बच्चा भी नहीं था) जिसने जानना चाहा ब...
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बुधवार, 21 जून 2017

कुंवर नारायण की कविताएं

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चित्र गूगल सर्च इंजन से साभार                                               ................................................ नई कवि...

पुस्तक समीक्षा: उम्मीदों की फसल उगाते नवगीत-सुरेन्द्र सिंह पॅवार

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                                    पुस्तक समीक्षा-काल है संक्राति का        ‘काल है संक्रांति का’ 'सलिल' जी की दूसरी पा...
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सोमवार, 11 अप्रैल 2016

नाज़िम हिक़मत की कविताएँ

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चित्र गूगल सर्च इंजन से साभार मेरी कविता के बारे में मेरे पास सवारी करने के लिए चाँदी की काठी वाला अश्व न था रहने के लिए कोई पै...

पुस्तक समीक्षा: ‘सरहदें’-कवि कलम की चाह लेकर सर हदें-आचार्य संजीव सलिल

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मूल्यों के अवमूल्यन, नैतिकता के क्षरण तथा संबंधों के हनन को दिनानुदिन सशक्त करती तथाकथित आधुनिक जीवनशैली विसंगतियों और विडंबनाओं के पि...
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सोमवार, 7 मार्च 2016

मैं ब्रह्मा हूँ एवं अन्य कविताएं-दिव्या माथुर

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चित्र गूगल सर्च इंजन से साभार मैं ब्रह्मा हूँ मैं ब्रह्मा हूँ ये सारा ब्रह्मांड मेरी ही कोख से जन्मा है पाला है इसे मैंने ...
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पुस्तक समीक्षा: कविता के गर्भ से-अरुण देव

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                                                                आज हमारे बीच भर गई हैं खामोशियाँ.. कविता मनुष्यता की मातृभाषा है....
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संपादक - सुबोध श्रीवास्तव

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